एक नेत्र धोखा है
सूर्य और चंद्रमा के बीच
पृथ्वी जब आती है
तब होता है!
किसी गलतफहमी में न पड़ना
अंधविश्वास में नहीं जकड़ना
ज़िन्दगी जीने को
शिक्षा की डोर पकड़ना..
खगोलीय घटना को
किसी अन्य रूप में न लेना
अच्छे से पहले पढ़ाई करना
फिर शिक्षित होकर
समस्त कुरूतियों से निपटना ।
समझ में आई बच्चों बात?
अंतिम घंटी की यह सौगात!
© नवाब मंजूर
प्रधानाध्यापक
उमवि भलुआ शंकरडीह
तरैया (सारण)
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