🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏
रूपघनाक्षरी
(चहुँओर बजे साज)
लाडली हमारी चली,
बाबूल का घर छोड़,
जिसकी दुहाई देता,हुई है पराई आज।
मैया की अखियाँ भींगी
रात-दिन वियोग में,
आँचल तरस रहा,सुता पर करुँ नाज।
घूँघट में चाँद छिपा,
बहुरिया शरमाई,
रानी सुकुमारी धिया,नयना छिपाती लाज।
प्रीत का बंधन बांध,
नव्य रिश्ते-नाते जोड़,
बगिया में फूल खिले,चहुँओर बजे साज।
एस.के.पूनम।
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