जगमग जोत जले – मनु कुमारी

Manu

जगमग जोत जले।
सत्य का दीप ,प्रेम का बाती,
हर घट जोत जले।

ईर्ष्या द्वेश का भाव ना आए,
मैत्री भाव पले।

असत्य जगत का मोह दूर हो,
सत्य की राह चले।

धन, यौवन का गर्व नहीं हो,
अज्ञान का तिमिर ढले।

दुराचार का अंत हो मन से,
सदाचार का पुष्प खिले।

मानव में मानवता हो कायम,
दैत्य वृत्ति जले।
जगमग दीप जले।

स्वरचित :-
मनु कुमारी
प्रखंड शिक्षिका
मध्य विद्यालय सुरीगांव,बायसी
पूर्णियां, बिहार

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