🙏ऊँ कृष्णाय नमः🙏
विधा:-जलहरण घनाक्षरी
(जन मन सकुशल)
रमजान का महीना,
पाक है मक्का मदीना,
सेवा भाव सिलसिला,सदियों से है अचल।
ज़कात फितरा दिए,
खुशियाँ बटोर लाए,
विधिवत इबादत,भाव रहे अविचल।
धर्म में विभेद कहाँ,
करम का साथ यहाँ,
दिल में रहम भरे,हुए नयन सजल।
चाँद का दिदार हुआ,
ईद उल-फित्र मना,
दिया मुबारकबाद,जन-मन सकुशल।
एस.के.पूनम
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