रूप घनाक्षरी
जादूगर ध्यानचंद
संगम प्रयाग भाग्य ,खुल गया तब जब,
उनतीस अगस्त को,
जन्म लिया नवजात।
भारत माता की रक्षा,करने को लिए दीक्षा,
सेनाओं की सीमा लॉंघ,
हॉकी खेल जोड़ा नात।
ओलंपिक तीन जीते,हिटलर दाॅंत पीसे,
ब्रेडमैन चकित थे,
हॉकी देखा सु-प्रभात।
ऑंख हाथ गेंद पर,ध्यानचंद ध्यान धर
गोल पोस्ट गोल दाग,
विपक्षी को देते मात।
रामपाल प्रसाद सिंह ‘अनजान’
प्रधानाध्यापक मध्य विद्यालय दरवेभदौर
प्रखंड पंडारक पटना बिहार
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रामपाल प्रसाद सिंह 'अनजान'

