सभी करते आनंद यहां अपने वजूद में,
बड़े कामकाज करें, बच्चे खेलकूद में।
किशोर तो विद्यालय जाएं करने पढ़ाई को,
युवक सेनाओं में जाते सीमा पर लड़ाई को।
व्यस्क करें काम-धाम, रोज़ दिन सुबह शाम,
वृद्धजन चौपाल बैठ गपशप और आराम।
माताएँ-बहनें बच्चों को नित्य भोजन परोसती,
सभी कामकाजी महिलाएं बच्चों को भी पोसती।
दोनों मिल जो काम करें वही आगे बढ़ते,
जीवन के सफर में मिलकर सुख-दुख सहते।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर,पटना
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