तमाल छंद
मात्रा — 19
अंत – गुरु लघु
संकट में है साथ निभाते मित्र ।
होते है ये अच्छाई के चित्र ।।
मित्र हमारे हरदम रखते ध्यान ।
दुख हर लेते और बढ़ाते मान ।।
करते हैं ये दुर्गुण हमसे दूर ।
राह दिखाते हमको है भरपूर ।।
पथ के काँटे चुनते हैं ये लोग ।
देते हैं ये हरदम छप्पन भोग ।।
इनसे प्यारा लगता है संसार ।
होते हैं ये जीवन के आधार ।।
मित्र दिलाते हरदम हमको जीत ।
हँसी-खुशी है जीवन जाता बीत ।।
आओ कर लो इनका अब सम्मान ।
लगते हैं ये तो बिल्कुल भगवान ।।
करो समर्पित इन पर अपना प्राण ।
तभी जगत का होगा अब कल्याण ।।
सुधीर कुमार , मध्य विद्यालय शीशागाछी
प्रखंड टेढ़ागाछ जिला किशनगंज बिहार ।