ऊँ कृष्णाय नमः वार्णिक मुक्तक(वर्ण भार-13 ) प्रदत्त विषय- काजल। (प्रेम का उपहार) प्रिया जब मिली थी हुआ बेकरार, प्रीत पा प्रेयसी से किया इकरार, बिताया जाग दिवा हो या निशा काल, सजनी के आँखों में काजल स्वीकार। उनसे प्रेम पथ का है सरोकार, मिला है संग रहने को अधिकार,…
कृष्णाय नमः विधा:-रूपघनाक्षरी (प्रभु सुन लें पुकार) रात है अमावस्या की, प्रकाश है खद्योतों से, हृदय में ध्यान कर,सूर्य प्रभा से संसार। हिया में विकार भरा, सोच कर परेशान, प्रयास है दिशाहीन,प्रभु करें चमत्कार। धरा के करुणानिधि, विनती हमारी सुन, मोह-माया दूर कर,अपने से जोड़ तार। ध्यान में उतर जाऊँ,…
भूखी प्यासी चल रही, साँवली सलोनी नारी, ठौर न ठिकाना कहीं,आशियाना आसमान। जननी पुकारे कोई, नभ तले मिली सोई, अपना न सुत-पुत,कैसे करे अभिमान। तपी है कंचन काया, करुणा से मिली छाया, कर्म पथ पर लीन,संसार करे सम्मान। समर के प्रहरण, नये-नये प्रकरण, स्वीकार करती रही,देतीं जग को प्रमाण। 2…