देश का अभिमान हिंदी – Puja Kumari

राग है,मनुहार है, देश का आधार है हिंदी 

शान है इस देश का तो, स्वयं में विचार है हिंदी,

कर्णप्रिय एक राग सा तो राग में मल्हार है हिंदी 

गर्वित है ये आप में ही, स्वयं में व्यवहार है हिंदी l

            हिम की जटिल शिखाओं की और 

            सिंधु की अटखेलियों का साक्ष्य है ये

         वाणी में रसखान तो बौद्ध का भी ज्ञान है ये,

          इतिहास की परिपाटी पे वर्णित सदा ही 

            हिन्दुओं की अस्मिता की पहचान है हिंदी l

उपनिषद के काव्य में जो,नवजात की आवाज़ में जो

है सदा से जो समर्पित, मुनियों का मन्त्रोंचार है ये

कर सदा अभिमान इसपर,देश का अभिमान हिंदी l


                    

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