दीदी ने भैया को पैगाम भेजा है
हम कहते हैं,
इसरो ने चंद्रयान भेजा है।
मौसम है सावन का, हरियाली है धरती पर
भैया तेरा हाल क्या है वहाँ ऊपर?
भेजा है पता करने भारत ने रोवर
गर्भ में तेरे छुपा हुआ है क्या क्या
और छुपे हैं कौन से तत्व?
पता करेगा, यही सब सत्य!
घूम घूम कर लेगा तस्वीरें और
ड्रिल कर करेगा तेरी मिट्टी का विशलेषण
बटोरेगा ! बहुमूल्य ज्ञान
भारत का रोवर प्रज्ञान!
इसरो पुत्रों ने तुम तक मुझे पहुंचाने को,
किया है परिश्रम अथक…
भैया तुम भी रक्षा करना भरसक
विक्रम और प्रज्ञान की..
जय कन्हैया लाल की, विज्ञान के कमाल की।
चौदह दिन ही रहेंगे वहाँ मेरे हिसाब से!
तुमरे लिए तो एक ही दिन होगा..
फिर भी,
जहाँ तक हो सके मदद करना.. अपने मिज़ाज से!
रक्षाबंधन का भी त्योहार है अपना
राखी भेजी है तेरी बहना
तुम भी सदा की तरह मेरी रक्षा करना
एस्ट्रोआड्स ,एलियन्स से?
अबतक तो करते ही आए हो
पर आगे चुनौती बड़ी है..
बहुत से अवांछित तत्वों की बुरी नजर
पृथ्वी पर पड़ी है!
अपने भी तो कुछ कम नहीं हैं
अमेरिका, रूस, चायना…
चिंतित हूँ, कहीं इनकी हरकतों से ही,
अस्तित्व हमारा एकदिन मिट जाय ना?
लेखक-✍️©नवाब मंजूर
प्रधानाध्यापक
म0वि0 भलुआ शंकरडीह, तरैया(सारण)
#नवाबमंजूरकीकविताएं
#नवाबमंजूरकीकविताएँ
#chandrayan3
#ISRO