सबकी चेहरे पर मुस्कान हो हर हाल में,
सभी को मंजिल मिले, इस नए साल में।
भूलकर शिकवे गिले, सभी से हम गले मिलें,
दूरियाँ मिटे दिलों की, इस नए साल में।
कोई ना हो छोटा बड़ा, हों अपने पैरों पर खड़ा,
ऊँचा आसमान छू लें, इस नए साल में।
चैन से सब कोई सोए, भूखा ना कोई बच्चा रोए,
सभी के सिर हो आशियाना, इस नए साल में।
ना कोई हमारा गैर हो, ना हमें किसी से बैर हो,
सभी को हम गले लगाएं, इस नए साल में।
जीवन में ना कोई पिछड़े, अपनों से ना कोई बिछड़े,
सबकी हों लबों पे हंसी, इस नए साल में।
कोई रहे ना भूखा नंगा, न कभी कहीं हो कोई दंगा,
आपस में हो भाईचारा, इस नए साल में।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर, पटना
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