फूलों की तरह खिल-खिलाते,
नव-वर्ष आया है।
कलियों में छुपा-कर ,
जीवन का सौगात लाया है।।
सुशोभित होंगे मस्तक पर,
मेरी कामयाबी ।
फिजाओं संग खुशबू का,
सैलाब लाया है।।
कलियों में छुपा-कर,
जीवन का सौगात लाया है।।
इन मुकद्दर के लकीरों में,
जड़े हैं हीरे।
सफलता के फूल-झड़ियों में,
गुलज़ार लाया है।।
फूलों की तरह खिल-खिलाते,
नव वर्ष आया है ।
बीते ज़ख्मों को भूलाकर,
जिंदगी के सफ़र में ।
स्नेह का बहार लाया है,
चिड़ियां भी कुछ चहक रही।
दरिया भी कुछ बहक रही,
लहरों की नर्गिस आंखें।।
कश्तियों पर बेसूमार आया है
फूलों की तरह खिल-खिलाते,
नव-वर्ष आया है ।।
चांद की चमकती ललाट पर,
ओश की बूंदे ।
मोतियों का खुमार लाया है,
खनकाती हुई हरवादियों में।।
पायलों के धुंधरू ,
बिन बादल वर्षांत लाया है।
फूलों के तरह खिल-खिलाते,
नव-वर्ष आया है।।
आओ हम सब गले-मिले,
जीवन की एक डोर में।
गीला-शिकवा को मिटायें,
मंजिल की एक राह में।।
मेहनत की प्रकाष्ठा में,
झनकार लाया है ।
फूलों की तरह खिल-खिलाते,
नव- वर्ष आया है।।
सबको मेरा नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
जयकृष्णा पासवान स०शिक्षक उच्च विद्यालय बभनगामा बाराहाट बांका