नारी सबपर हो भारी – -नीतू रानी

विषय -कमजोर कहाँ हो तुम नारी।

नारी
कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।

तेरे साथ खड़े हैं सभी देव,
खाली कर देती देवों के जेब।

कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।

तुम हो दुर्गा तुम्हीं हो काली,
तुम्हीं हो नौ रुप में हे नारी।

तुम हो खुश तो सब देव सुखी,
तेरे दुःख से संसार दुखी।

कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।

तुम्हीं दादी तुम ही नानी,
तुम्हीं हो घर की महारानी।

तुम्हीं इंदिरा तुम्हीं प्रतिभा,
एवरेस्ट पर चढ़ने वाली तुम कल्पना चावला।

कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।

तुम्हीं हो सीता तुम सावित्री,
तुम्हीं लक्ष्मीबाई, मीराबाई।

तुम जहाज चलाती, चलाती ट्रेन,
तुम्हीं हो पुरुषों का माइग्रेन।

कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।

तुम हर जगह हो कार्यरत ,
तेरे कारण हुआ महाभारत।

सुख-दुःख में देती तुम हीं साथ,
चुमकर मेरा माथा और हाथ।

कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।

तेरे बिन सूना सब साज श्रँगार,
तेरे बिन भाए न पर्व त्योहार।

तुम से घर में है ज्योत जले ,
तुम नहीं तो घर है अंधेरे।

कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।

तुम पत्नी कभी,कभी बनती यार,
घर में सबका रखती ख्याल।

तुम पर जितना लिखूंँ, कम है हे नारी ,
तेरी हो जय- जय और बलिहारी।

कमजोर कहाँ हो तुम नारी,
हर क्षेत्र में सबपर हो भारी।


नाम -नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।

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