नित पढ़ने को स्कूल चलें हम,
किसी बात पर नहीं लड़ें हम।
जीवन में खुशियाँ भरने को,
नित बस्ता लें स्कूल बढ़ें हम।
हम नहीं करें कभी आना कानी,
नहीं चलेगी अब यह मनमानी।
है पढ़ना ही हम सबकी शान,
तभी मिलेगी हम सबकी पहचान।
नहीं किसी से हो कोई झगड़ा,
नहीं किसी से हो कोई रगड़ा।
अक्षर अक्षर जो हमें सिखाते,
उनके प्रति सदा सम्मान दिखाते।
जो अभी चाहे सो बन जाएँ,
ऐसी उम्र कहाँ फिर पाएँ।
सदा सफल व्यक्ति वही होता है,
जो समय न अपना बहुमूल्य खोता है।
अपना संगी साथी उसे बनाएँ,
पढ़ने से जो कभी दिल न चुराएँ।
संगत ही हमारी पहचान कराती,
है दिल के सभी यह राज बताती।
हम सुसंगति में रहें सदा ही,
लफड़े में कभी न पड़ें कदा ही।
अपकार का मार्ग न कभी अपनाएँ,
ज्ञान की ज्योति सदा जलाएँ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड-बंदरा,जिला-मुजफ्फरपुर
