बंद करो वृक्षों को काटना
नदियां सागर दूषित करना।
वृक्ष धरा के हैं आभूषण
वृक्ष लगाओ मानो कहना।।
कोरे नारे नहीं लगाओ
वक्त कहे कुछ काम दिखाओ।
स्वच्छ रखो हवा पानी को
आओ पर्यावरण बचाओ।।
पर्वत तोड़ नदी को छेड़े
करते रहे सदा मनमानी।
मौसम क्यों हुआ मनमौजी
क्या हकीकत तुमने जानी।।
मानव सुनो अब रुक जाओ
अब तो सुनो धरा की रोदन।
पड़े भुगतना दंड सभी को
नहीं करो नदियों का दोहन।।
इस धरती को स्वर्ग बनाओ
जीवन में कुछ वृक्ष लगाओ।
वृक्ष धरा के हैं आभूषण
धरती मां को चलो सजाओ।।
रहे लगाते कब से नारा
देश हमारा सबसे प्यारा।
वृक्ष अगर ना होंगे भैया
नहीं बचेगा जीवन प्यारा।।
बहुत लगाए अब तक नारा
वृक्ष बचाना धर्म हमारा।
पहले पर्यावरण बचाओ
तभी बचेगा उपवन प्यारा।।
मीरा सिंह “मीरा”
+२ महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव,
जिला-बक्सर, बिहार