चमक रहा है आसमान में, प्यारा-सा चाँद,
सितारों के संग खेल रहा है प्यारा-सा चाँद।
चुपके-चुपके झाँक रहा है बादलों की आड़ में
झिलमिल रोशनी फैला रहा, पुरवाई बयार में।
रात के सन्नाटे में, देता है वह संग,
नन्हें दिलों के सपनों को भरता है उमंग।
जुगनू संग बात करे, तारों के खेल,
जैसे कोई बच्चा हो, मचाए धूम-धरेल।
कभी गोल, कभी अर्धचंद्र, बदलता है वह रूप,
शीतलता से भर देता, गलियारों में धूप।
कहानी बन सुनता है, दादी की वह बात,
रात के परदे पर लिखता, सपनों की वह बात।
सो जाओ अब बच्चों, चाँद है गवाह,
खुशियों का संदेश लाया, साथ है दुआ।
सपनों में भी मिलेगा, साथ ऐसे निभाएगा,
प्यारा-सा चाँद, हर रात लोरी तुम्हें सुनाएगा।
भोला प्रसाद शर्मा,
डगरूआ, पूर्णिया, बिहार
0 Likes