प्यारे-न्यारे चंदा मामा- अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

चंदा मामा चंदा  मामा,
लगते कितने प्यारे हो।
अनगिनत तारों के संग तू ,
लगते शीतल न्यारे हो।

तुममें जो शीतलता है ,
वह सबके मन को भाता है।
भव्य रौशनी तुममें जो,
जग को खूब सुहाता है।

तुमसे ही  पोषित होते हैं ,
सारे वनस्पति इस जग के।
तुमसे ही शोभित होते हैं ,
सकल जीव  इस मग  के।

मेरे प्यारे नन्हें जीवन को ,
तुम खुशियों से तर जाते हो।
मेरे घर आँगन को भी,
सुभग रश्मि से भर जाते हो।

चंदा मामा बोल के  ही
रिश्ता अटूट बन जाता है।
चंदा मामा नाम से ही,
तेरा अमिय रूप भा जाता है।

जब-जब पूर्णिमा होती है ,
कितना सुभग रूप में भाते हो।
जब-जब तुम नहीं रहते तो,
घोर अंधकार  कर जाते हो।

हर तिथि में तेरा राज छुपा है,
हर तिथि चक्र परिवर्तन लाता है।
अमावस और पूर्णिमा भी,
तुम्हारे कारण ही बन पाता है।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड -बंदरा , जिला- मुज़फ्फरपुर

1 Likes
Spread the love

Leave a Reply