आम का मौसम आया,
स्वादिष्ट सौगात लाया,
सुन्दर रसीले और भाव-सुर लहरी।
कोई खाए आम्रपाली,
केशर किशुन भोग,
जर्दालु केसर चौसा, मालदा दशहरी।
लंगड़ा फजली रत्ना
बंबइया अलफांसो,
छककर खूब खाएं रात या दोपहरी।
रसदार आम ताजा
भोजन में देता मजा,
खुश होके खाते सभी देहाती या शहरी।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर पटना
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