बिटिया है पहचान हमारी
बिटिया है अरमान हमारी।
घर आंगन की रौनक बिटिया
होठों की मुस्कान हमारी।
हर बाधा से टकराती है
बिटिया रखती मान हमारी।
आंखों की पुतली लगती है
बिटिया घर की राजदुलारी।
जब वह हंसती दुनिया हंसती
उससे महके मन फुलवारी।
हंसी खुशी गूंजें आंगन में
उसमें बसती जान हमारी।
घर लगता है स्वर्ग जैसा
हो जिस आंगन बिटिया प्यारी।
मोहताज नहीं एक दिन की
दुनिया ने भी सच स्वीकारी।
अम्बर में परचम लहराती
प्यारी बिटिया शान हमारी।
वतन तरक्की खूब करेगा
बिटिया स्वाभिमान हमारी।
मीरा सिंह ‘मीरा”
+२, महारानी उषारानी बालिका उच्च विद्यालय डुमराँव, जिला-बक्सर, बिहार
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