18 दिसंबर सन् 1887 के जन्म भईल
सारण जिला के कुतुबपुर प्यारा सा गांव
भोजपुरी के जे देहलस दुनियां में पहचान
भिखारी ठाकुर बा उनकर प्यारा सा नाम
कवि के संगे संगे रहले ऊं एगो बढ़िया नाटककार
दार्शनिक भी रहलें औरी रहलें एगो संगीतकार
गायक नायक औरी नर्तक कुल ख़ुद हीं बनकर के
कईलन अपना भोजपुरिया भाषा के प्रचार-प्रसार
इनकर नाटक “विदेशिया” भईल बहुते मशहूर
आस पास के गांव में होखे लागल तारीफ भरपूर
“बेटी बेचवा” के भी देखके बहुते सराहल लोग
तब चारो ओरी चर्चा होखे लागे भिखारी ठाकुर
सन् 1971 में एगो अईसन मनहूस घड़ी आईल
10 जुलाई के , हमेशा खातिर इनके सुता गईल
सुन के ईं मनहूस खबर लोगन के आंख भर गईल
कईसा बिसराई रऊआ के आ राऊर कृति कईल
एम० एस० हुसैन कैमूरी
शिक्षक सह युवा कवि
उत्क्रमित उच्च माध्यमिक
विद्यालय छोटका कटरा
मोहनियां कैमूर बिहार