भीमराव अम्बेडकर ” अंतिम विचार:आत्मज्योति की लौ- सुरेश कुमार गौरव

Suresh Kumar gaurav

जीवन भर संघर्ष था, पर न रुका विचार।
हर पीड़ित के हित रहा, निज मन का सुविचार॥

शोषण की दीवार को, तोड़ा सत्य-विचार।
सत्ता-मंचों से कहा,”बस चाहूँ उच्च विचार॥”

काया थकी, मन न थमा, लेखनी रही स्वदेश।
न्याय-धर्म के युद्ध में, रहा वही संदेश॥

बुद्ध मार्ग को चुन लिया, अंतर्मन की पीर।
वेद-पुराणों से अलग, ढूँढा शांति का तीर॥

“समानता ही धर्म है, बाँट न पाए ध्यान।
भेदभाव को त्याग दो, यही सच्चा ज्ञान॥”

शेष नहीं कुछ और था, लक्ष्य हुआ साकार।
भारत माँ की गोद में, विश्रांत महामानव आकार॥

जीवन भर संघर्ष था, पर न रुका विचार।
हर पीड़ित के हित रहा,निज मन का उद्गार।।

सुरेश कुमार गौरव,
‘प्रधानाध्यापक’
उ. म. वि. रसलपुर, फतुहा, पटना (बिहार)

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