मतदान – गीत (१४-१२)
सुबह-सुबह ही जाएँगे, करते सब तैयारी।
करना है मतदान हमें, सोच रहे नर-नारी।।
भोर हुई जागे सारे, काम सभी निपटाएँ।
आस पास को बोल रहे, चलो घूमकर आएँ।।
तत्पर सारे आएँ हैं, भीड़ जुटी है भारी।
करना है मतदान हमें, सोच रहे नर-नारी।।०१।।
पंक्ति बद्ध होकर सारे, अनुशासन दिखलाते।
बड़े प्रेम से नर-नारी, आपस में बतियाते।।
समझ न आया जहाँ हमें, किसकी कब है बारी।
करना है मतदान हमें, सोच रहे नर-नारी।।०२।।
शासक चुनने का अवसर, आज सभी को भाए।
और मतदान करते हैं, मन में राज छुपाए।।
लोकतंत्र की पहचान यही, यह अधिकार हमारी।
करना है मतदान हमें, सोच रहे नर-नारी।।०३।।
गीतकार:- राम किशोर पाठक
प्रधान शिक्षक
प्राथमिक विद्यालय कालीगंज उत्तर टोला, बिहटा, पटना, बिहार।
संपर्क – 9835232978
