पहले भी छोड़ा यान,
पहुँचा चँद्रमा पर,
भटका था वह राह,गुमनामी में खोया।
भारत की गरिमा का,
इतिहास है पुराना,
अनगढ़ अविष्कार कहने पर रोया।
राष्ट्रवाद का अगन
अभियान बन खड़ा,
हिम्मत न हार कर सम्मान बीज बोया।
चंद्रयान तृतीय भी
बेमिसाल यात्रा पर,
भारत के वैज्ञानिकों वर्षों से नहीं सोया।
एस.के.पूनम(पटना)
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