गज चढ़ी अहाँ एलौं हे माता रानी,
जेती गज चढ़ी भगवती।
माँ हँसति खल-खल दाँत झल-झल,
रुप सुन्दर भगवती।
गज चढ़ी अहाँ———2।
माँ बाम छूरा दहिन खप्पर,
महिषासुर केए मारती।
गज चढ़ी अहाँ———-2।
माँ शंख गहि-गहि चक्र गहि-गहि,
गले मुंड माला शोभति।
गज चढ़ी अहाँ————2।
माँ अहीं छी दुर्गा अहीं छी काली,
नौ रुप में अहीं माँ भगवती ।
गज चढ़ी अहाँ———2।
नीतू रानी, पूर्णियाँ बिहार।
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