माहवारी औरतों के लिए ईश्वरीय वरदान।
माहवारी
ईश्वर ने दिया औरतों को यह वरदान।
जिससे हर घर में खेल रहा है सुंदर प्यारा शिशु संतान।।
जो महिला को ईश्वर ने नहीं दिया माहवारी वरदान।
उसका जीवन जैसे बिना फल- फूल के उदास बागवान।।
जिस महिलाओं को दिया ईश्वर ने माहवारी का वरदान।
वो उस समय रहे स्वच्छ व सुन्दर और करें सब स्वच्छता से काम।।
ये है वरदान,नहीं है छुआछूत।
इससे आता कोख में सुंदर सुपूत।।
ये नहीं होता तो महिला कहलाती बाँझ।
उस महिला के घर सुबह नहीं सिर्फ साँझ।
माहवारी होने पर होती है पीड़ा।
ये पीड़ा से हीं निकलता है हीरा।।
इसको न मानें कभी अभिशाप।
भूल से भी न कहें इसको हम पाप।।
माहवारी होने से पूर्ण होती है माँ,
अगर ये न हो तो भटकती यहाँ-वहाँ।
माहवारी से हीं महिला बनती है माँ,
माँ हीं है बच्चों की लिए जहाँ।।
इसके होने से थोड़ा होता है कष्ट।
लेकिन महिलाओं के लिए है ये एकदम उत्कृष्ट।
सुनिए माँ, बहन और बेटी बहू।
माहवारी के दिन निकलता है लहू।।
इसको देखकर घबराना नहीं।
इसको देखकर शर्माना नहीं।।
माहवारी होने से करना पैड इस्तेमाल।
रहना स्वच्छता से जीवन में आएगा धमाल।
नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।
