मित्रता जीवन की अनमोल निधि
मित्रता जीवन की अनमोल निधि है ,
यह एक दूसरे से जुड़ने की विधि है ।
मित्रता वह अमूल्य रतन है ,
इसे तोल कब सकता धन है ।
जीवन में इसका बहुत महत्व है ,
यह जीवन में लाए समत्व है ।
जग में मित्र वही सच्चा होता है ,
जो विपत्ति में न कभी साथ छोड़ता है ।
मित्र ही ऐसा सहायक सच्चा होता है ,
उसके सामने वह दुख ढोता है ।
मित्र एक दूजे के तभी हैं बनते ,
जब एक दूसरे के कुछ गुण भी मिलते ।
मुश्किल में जब सारा छोड़ चला जाता है ,
सच्चा मित्र ही जग में तब काम आता है ।
जो बात लोग किसी से न कहते ,
मित्र से वही बात हँस हँसकर करते ।
मित्रता मानव जीवन की अनमोल कहानी ,
यह जीवन के सुख दुःख के प्रेम की जुबानी ।
इसमें प्रेम , धैर्य , धन संयम की होती परीक्षा ,
इसमें होती सहनशीलता और गरीबी में भी समीक्षा ।
दो मित्र के बीच विग्रह कभी न आए ,
जब तक तीसरा व्यक्ति बीच में न जाए ।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर
