मित्रता रूपी कमल हैं खिलते – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

मित्रता रूपी कमल हैं खिलते

मित्रता  की   भी    अलग    जुबानी ,
बोले समयानुसार    कटु  मृदु  बानी।

कटु  बानी  भी  मित्र के भले के होते ,
इससे मित्र कभी सही  दिशा न खोते ।

जो   कटु  बात   सबके समक्ष   बोले ,
वैसे मित्र को कभी अपना  नहीं तोलें ।

जो   सही   बात  को   सदैव     बताए ,
जो  झूठ , लोभ  में   कभी   न  आए ।

करे  हमेशा  अपने   मित्र   की  चिंता ,
 न  कहीं कभी  करे   दूजे  संग  निंदा ।

समयानुसार     सही     राह     बताए ,
हमेशा प्रीति  परस्पर अक्षुण्ण   बनाए ।

परिस्थिति   मित्र    का     जैसा   होए ,
कभी सच्चा  मित्र  उसका  संग न खोए ।

सदा कथनी    करनी     एक  सा  होए ,
न  कहीं     मित्र   के   अवगुण     बोए ।

सदा  गुण  अवगुण सच्चा   मित्र  बताए ,
उसके सुअवसर की नित पहचान कराए ।

सच्चे  मित्र  का   यह   भाव  है  रहता ,
उसके सुख दुःख में वह  संग है  बहता ।

सच्चे   मित्र  का  संग  सदा  सुख  देते ,
दुःख  और   चिंता    को      हर    लेते ।

है   मानव   जीवन     धन्य      इसी      से ,
सबकी  मित्रता  न होती हर एक  किसी से ।

संगति  के  पीछे  उनके  गुण   भी   मिलते  ,
तभी   मित्रता   रूपी   कमल   हैं   खिलते ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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