मुंशी प्रेमचंद विलक्षणता के प्रतीक – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

मुंशी प्रेमचंद विलक्षणता के प्रतीक

कौन भूल सकता है प्रेमचंद को ,
जिनकी मार्मिक इतनी कृति है ।
ग्राम्य जीवन के सुख दुख भरे डगर की ,
उस वर्णन में जीवन की वृहद आकृति है ।

उनकी लिखी कहानी पढ़ने पर ,
उसी में लोग खो जाते हैं ।
उनकी सहज , सरल अभिव्यक्ति होती ,
जो सीधे दिल पर राज जमाते हैं ।

अपनी अनुपम कृति में उन्होंने ,
ऐसे शब्दावली के प्रयोग किए ।
जो रुचिकर , यथार्थ , तथ्यपूर्ण हो ,
वैसे शब्दों के उपयोग किए ।

कलम के सिपाही प्रेमचंद ने ,
जग में बड़ी ख्याति पाई है ।
उनके लेखन के शीर्ष कला की ,
सबने अप्रतिम यश गाई है ।

उनका जीवन कभी सुखद न रहा ,
उन्होंने हरदम कष्टों को गले लगाया है।
अपने लेखन के विशद चरण में ,
उन्होंने इसे बार बार झलकाया है ।

गोदान , पंच परमेश्वर लिखनेवाले प्रेमचंद ने
बड़ी मार्मिकता का पाठ पढ़ाया है ।
जीवन कैसे बदल सकता है ,
इसका भी परिचय उनके लेखन में पाया है ।

सैकड़ों कहानी के श्रेष्ठ कहानीकार ने ,
जग में बड़ा ऊँचा मुकाम बनाया है ।
उनके ज्ञान रश्मि के दर्शन कर ,
सबने अपना भी ज्ञान बढ़ाया है ।

उनकी उम्र मात्र छप्पन की थी ,
पर जो अल्पवय में उन्होंने संदेश दिया ।
आज भी उस पथ पर चलने में ,
न अबतक किसी ने वैसा परिवेश दिया ।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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