कितनी प्यारी मेरी नानी
रोज सुनाती हमें कहानी।
परीलोक की सैर कराती,
बात -बात में हमें हँसाती।
मम्मी जब भी डाँट लगाती,
नानी आकर हमें बचाती।
मीठी-मीठी बातें कहतीं,
कभी नहीं औरों से डरतीं।
बड़े प्यार से हमें खिलाती,
मेरे पीछे वह दौड़ लगाती।
रूठे पर वह सदा मनाती,
कर दुलार हमको समझाती।
मेरी नानी सबसे प्यारी ,
सबसे प्यारी सबसे न्यारी।
मनु कुमारी (प्रखंड शिक्षिका)
मध्य विद्यालय सुरीगाँव बायसी,
पूर्णियाँ, बिहार
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