मेरे नाना प्यारे नाना
आपके घर, मेरा आना-जाना।
जब भी हम जाते, हमें बुलाते,
अपने पास वो हमें बिठाते।
कुछ -न -कुछ नित हमें सिखाते,
दो लाईन हमसे पढ़वाते।।
कभी हमसे उँगली फोड़वाते,
कभी पेट में गुदगुदी लगाते।
कभी जोर से खुद वो हँसते,
फिर हम सबको वो खूब हँसाते।
मेरे नाना प्यारे नाना
हम सबके थे दुलारे नाना।
नानी को वो देख- देख कर,
गाते रहते थे वो गाना।।
कभी ढोलक पर कभी तबला पर,
कभी हाथ में माईक लेकर,
मधुर स्वर में गाते थे गाना।
मेरे अच्छे प्यारे नाना।
नाना जी के चश्मा काले
पहनते तो लगते बड़े निराले।
लंबे थे अमिताभ से थोड़े छोटे
लेकिन थे वो बड़े दिलवाले।।
जब कभी नाना बाहर जाते
फोन से हम सबसे बतियाते।
जब नाना फिर वापस आते,
पूरे घर में खुशियाँ छा जाते।।
मेरे नाना प्यारे नाना,
हम सबके थे दुलारे नाना।
जिस दिन छोड़ गए हम सबको,
छोड़ दिए उनके घर आना- जाना।।
नीतू रानी
स्कूल -म. वि. सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ, बिहार।