मेरे राम- स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या’

 

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

राम  राग, राम त्याग, राम तो अनंत है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

ज्ञान और विज्ञान राम, राम जीवन धर्म है।

राम नाम लोकधर्म, परम् धाम मर्म है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

विरथ राम रणवीर, रथी रावण अंत है।

राम शील राम वीर, राम राम कंत है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

जीवन के प्रकाश राम , तोम अंत राम है।

संस्कृति के सम्पूज्य राम, संत वास राम है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

राम है सिया का राम, सिया का राग राम है।

राम राजधर्म ज्ञान, शक्ति धर्म राम है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

राम संकल्पशक्ति ध्यान, धैर्ययुक्ति राम है।

राम पराक्रम प्रकाश, विजयी गान राम है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

राम नाम चेतना है, अध्यात्म का प्रकाश है।

राम नाम में समाया , ब्रह्म का प्रकाश है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

राम  है संस्कार नाम, मर्यादा के राग हैं।

राम गुणगान करते, शिव हैं संत साथ हैं।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

राम है सुनाम नाम, अमोघ अस्त्र राम है।

राम लोकपर्व नाम, परम् धाम राम है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

राम राग है विराग, मर्यादा नाम राम है।

राम जैव धर्म नाम, जीवन-लक्ष्य राम है।

राम जप है, राम तप है, राम आदि अंत है।

डॉ. स्नेहलता द्विवेदी ‘आर्या ‘

उत्क्रमित कन्या मध्य विद्यालय शरीफगंज

कटिहार, बिहार

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