मैं पत्रकार हूं !
मैं जनतंत्र की आवाज, लोकतंत्र का साज हूं,
मैं पत्रकार हूं।
कलम हमारी ताकत है,कलम हमारी जान है।
कलम से हीं विश्व भर में बनी मेरी पहचान है।
मैं आम जनता को दिलाता उनका अधिकार हूं ।
मैं पत्रकार हूं।
देश के हर कोने में जाता ,
विभिन्न प्रकार की खबरें लाता ,
कभी हंसाता,कभी रूलाता ।
कभी किसी खबरों में मैं ,
मचा देता हाहाकार हूं ।
मैं पत्रकार हूं।
कभी गिरता ,कभी उठता ।
दिन भर कड़ी मैं मेहनत करता ।
लोगों की धमकी को सुनता।
पर न मैं किसी से डरता ।
कभी भीड़ के फूटे गुस्से का
बन जाता मैं शिकार हूं।
मैं पत्रकार हूं।
बात मैं सबकी गौर से सुनता,
आलोचना से नहीं घबराता ,
सत्य की राह में जान भी जाए।
कलम मेरी पर रूक न पाए।
आलोचकों की आलोचना को,
करता दरकिनार हूं ।
मैं पत्रकार हूं।
मैं चलता -फिरता समाचार हूं।
मुझे गर्व है कि मैं पत्रकार हूं।
स्वरचित:-
मनु कुमारी,
प्रखंड शिक्षिका,
मध्य विद्यालय सुरीगांव, बायसी,
पूर्णियाँ बिहार