प्रखर युवा का जोशीला आगाज़ हो।
बदलते तकनीक में भी नया अंदाज हो।।
करुणा भरी नदी में विशाल जहाज़ हो।
पौरुष ऐसा निर्भीक मानो सक्षम यमराज हो।।
जिसमें हर बाधा को हरने का परवाज़ हो।
नर-नारी सबका करे एक समान लिहाज हो।।
हर एक बुराई से जिसे ऐतराज हो।
देशहित की नाकामी पर जो नाराज हो।।
अमन- शांति का अपना स्वराज हो।
क्या धनी, क्या निर्धन हर युवा खुद में युवराज हो।।
हर बहन को अपने भाई पर नाज हो।
भाईचारा का संदेश फैलाएँ ऐसा युवा समाज हो।।
आशीष अम्बर( शिक्षक)
उत्क्रमित मध्य विद्यालय धनुषी
प्रखंड- – केवटी
दरभंगा, बिहार
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