योग जरूरी है
हाँ ! योग जरूरी है।
तन-मन और मस्तिष्क को,
स्वस्थ रखने के लिए।
शारीरिक विकास के लिए।
बढ़ते विषाद के लिए।
तड़के उठ जाना,
खुली हवा में जाकर,
हाथ- पैर फैलाना।
साँस लेना और,
साँस छोड़ना,और,
न जाने क्या – क्या।
पर योग सिर्फ यही नहीं,
योग और भी है….।
हाँ ! अपनी आँखों को,
खूबसूरत बनाने का योग,
किसी में बेवजह बुराई,
न देखे हम…।
अपनी वाणी को,
स्वच्छ और मधुर,
रखने का योग,
किसी की भावनाओं को,
हमारी वाणी से ठेस,
न पहुँचे,
किसी के जज़्बात आहत न हो।
अपने विचारों को भी,
हम निर्मल और पवित्र रखें।
यदि किसी का,
भला न सोच सकें तो,
बुरा भी न सोचें,
दूसरों को सही रास्ता दिखाएं।
अपने व्यवहार में,
शालीनता लाकर हम,
योग दिवस को सफल बनाएं।
जब भी किसी से मिले तो अपनी,
सभ्यता की छाप छोड़ जाएं।
अपने मन,वचन,विचार,
कर्म और व्यवहार में,
नियंत्रण रख हम,
विश्व योग दिवस को,
सफल बनाएं।
आओ हम सब मिल कर,
जीवन में योग अपनाएँ।
बिंदु अग्रवाल
शिक्षिका,मध्य विद्यालय गलगलिया,किशनगंज बिहार
