हर वंश की अंश है बेटियां
दो कुल की शान, गुमान है
संस्कृति संस्कार हैं बेटियां
घर आंगन की राग अनुराग है
तीज त्योहारों की रौनक है
साजो श्रृंगार रस्मो रिवाज है
चूड़ियों की खनखन
पायलो की छम छम है बेटियां
विद्या में सरस्वती तो रण में
रानी लक्ष्मीबाई,दुर्गा, काली है
राजनीति में इंदिरा गांधी तो
अंतरिक्ष में कल्पना चावला है बेटियां
विद्या धन दो तो हर क्षेत्र में
अग्रणी, समृद्ध है बेटियां
सेवा में दवा और दुआ है बेटियां
भेदभाव से परे वातावरण दें उन्हें
उनके अधिकारों का ज्ञान कराएं
उन्हें शारीरिक और मानसिक
रूप से सशक्त संबल बनाएं
जब भी बालिका दिवस मनाए
देहरी के पीछे, पर्दों के पीछे छुपी
रूढ़ियों, कुंठाओ, कुप्रथाओं
की बेड़ियों को तोड़े
उनके अधिकार उन्हें दिलाएं
हर बिटिया का अधिकार
प्यार पाना, स्वस्थ और खुश रहना
खेलना-कूदना पढ़ना लिखना
उन्हें आगे बढ़ाएं चलो हमसब
बिटिया दिवस मनाए।
अपराजिता कुमारी
रा. उ. मध्य विद्यालय
जिगना जगरनाथ
प्रखंड हथुआ
जिला गोपालगंज