विधा: कुंडलिया – देव कांत मिश्र ‘दिव्य

Devkant

आओ मिलकर हम सभी, करें श्रमिक सम्मान।
श्रम की निष्ठा में निहित, नवल शक्ति पहचान।।
नवल शक्ति पहचान, दिव्य आँखों से करिए।
श्रम है बड़ा महान, इसे निज मन में भरिए।।
इसका रोटी भाव, सौम्य कर्मों में लाओ।
श्रमिक देश की रीढ़, बनाकर उर में आओ।।०१

भारी गर्मी पड़ रही, जीव-जंतु बेहाल।
मेघराज करिए कृपा, चलकर दुलकी चाल।।
चलकर दुलकी चाल, शीघ्र राहत पहुँचाएँ।।
शुष्क-तलैया ताल, सलिल सुंदर बरसाएँ।
त्राहिमाम सब जीव, त्रस्त है दुनिया सारी।
नित्य बचाएँ तोय, बहुत है गर्मी भारी।।०२

देव कांत मिश्र ‘दिव्य’
मध्य विद्यालय धवलपुरा, सुलतानगंज,
भागलपुर, बिहार

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