शत् शत् नमन – स्मृति कुमारी

जब तक खड़ा है ,सरहद पर सेना

बंदूक अपनी तान के।

बाल ना बाँका , कर पाए देश का

चीन हो या पाकिस्तान रे।

जिसको फिक्र है अपने वतन की

सेवा करें जो तन और मन से।

ऐसे जवान पे, भारत के लाल पे

हमको तो है अभिमान रे।

जब तक खड़ा है सरहद पर सेना

बंदूक अपनी तान के।

शत-शत नमन है तुमको ऐ वीरो

आतंकी को तुम बाहर निकालो।

देश का गौरव तुम ही हो वीरो

तुम ही करो कल्याण रे।

जब तक खड़ा है सरहद पर सेना

बंदूक अपनी तान के।

बाल न बाँका कर पाए देश का

चीन हो या पाकिस्तान रे।

स्मृति कुमारी
उत्क्रमित मध्य विद्यालय अनूप नगर
बारसोई, कटिहार

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