शिव की महिमा – अमरनाथ त्रिवेदी

Amarnath Trivedi

शिव की महिमा

देवों   के   हे   देव    महादेव ,
पूजा नित्य    आपकी   करते ।
तन ,  मन  , धन ,भक्ति भाव को ,
नित्य  आपके दर  अर्पण   करते ।।
 
न जग   में  आप सरीखे ,
कहीं   दूजे    देव     मिलते   हैं ।
अपने   भक्तों     के   संकट   को ,
आप शीघ्र     हरण   करते   हैं ।।

बमभोले ,  औढरदानी , महादेव ,
भक्तों  की  कामना  पूरी   करते ।
भक्तों   की   जिज्ञासा     से   ही ,
 उन     सबके    झोली     भरते  ।।

भोले   अपने    भस्म    रमाते ,
योगी    का    रूप    हैं  धरते।
भक्तों  के  लिए  दानी हैं भोला ,
सब  विधि   उपकार   वे करते ।।

देवों    के   हे    देव    महादेव ,
आपने   ही    गरल   पीया है ।
इसीलिए  तो सारा संसार तभी से ,
सुख  चैन से   भी   जिया    है ।।

आप न होते तो हलाहल   को ,
था ऐसा    कौन   जो   पीता ?
फिर ऐसे पीकर कौन जगत में ,
नीलकंठ        बन        जीता  ?

आप  ही  भक्तन   के  रखवाले ,
आप    ही    जग     में    दाता ।
 नहीं     आपके   जैसा     कोई ,
आपके  ऐसा   न कोई  विधाता ।।

जाप  करूँ नित  भोले  शंकर  की ,
दिल      में      लिए        सच्चाई ।
इनके  ऐसा      नहीं    जगत    में ,
जिनकी    इतनी     हो     प्रभुताई ।।

आया   शरण  मैं  आपके भगवन ,
मेरे      सब     अपराध     बिसारें ।
जीवन     के   हर   मुश्किलों    से ,
हर     पल        मुझे         उबारें ।।

अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर

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