शिव की महिमा
देवों के हे देव महादेव ,
पूजा नित्य आपकी करते ।
तन , मन , धन ,भक्ति भाव को ,
नित्य आपके दर अर्पण करते ।।
न जग में आप सरीखे ,
कहीं दूजे देव मिलते हैं ।
अपने भक्तों के संकट को ,
आप शीघ्र हरण करते हैं ।।
बमभोले , औढरदानी , महादेव ,
भक्तों की कामना पूरी करते ।
भक्तों की जिज्ञासा से ही ,
उन सबके झोली भरते ।।
भोले अपने भस्म रमाते ,
योगी का रूप हैं धरते।
भक्तों के लिए दानी हैं भोला ,
सब विधि उपकार वे करते ।।
देवों के हे देव महादेव ,
आपने ही गरल पीया है ।
इसीलिए तो सारा संसार तभी से ,
सुख चैन से भी जिया है ।।
आप न होते तो हलाहल को ,
था ऐसा कौन जो पीता ?
फिर ऐसे पीकर कौन जगत में ,
नीलकंठ बन जीता ?
आप ही भक्तन के रखवाले ,
आप ही जग में दाता ।
नहीं आपके जैसा कोई ,
आपके ऐसा न कोई विधाता ।।
जाप करूँ नित भोले शंकर की ,
दिल में लिए सच्चाई ।
इनके ऐसा नहीं जगत में ,
जिनकी इतनी हो प्रभुताई ।।
आया शरण मैं आपके भगवन ,
मेरे सब अपराध बिसारें ।
जीवन के हर मुश्किलों से ,
हर पल मुझे उबारें ।।
अमरनाथ त्रिवेदी
पूर्व प्रधानाध्यापक
उत्क्रमित उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बैंगरा
प्रखंड बंदरा , जिला मुजफ्फरपुर
