मनहरण घनाक्षरी छंद
सफल हों सारे काज,
राम होंगे युवराज,
राजदरबार संग, हर्षित समाज है।
बड़े-बड़े भूप आए,
भेंट उपहार लाए,
अयोध्या में अब भाई, होगा रामराज है।
पुलकित महतारी,
खुशी में हैं नर नारी,
सजेगा श्रीराम सिर, अवध का ताज है।
संत जन ध्यान करें,
प्रजा गुणगान करें,
आम जन संग सभी, देवों को भी नाज है।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
म.वि. बख्तियारपुर पटना
0 Likes