मेहमान यहाँ आए,
भारत गरिमामय,
संसार ने देख लिया संस्कृति का हर राज।
अनोखा है मंडपम,
संगम अतिथियों का,
दिप्तमान आवारण बजते मधुर साज।
पकवान सजी थाल,
पहुना मोहित देख,
स्वाद का आनंद लेते कह पड़े खाया आज।
दुनिया की अगुवाई,
बजा दिया शहनाई,
शिरोमणि बन कर किया है अद्भुत काज।
एस.के.पूनम
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