सृष्टि
सृष्टि की रचना है तु
श्राप नहीं वरदान है तु
मुझसे ही सृष्टि निर्मित है
महावारी जिसे नाम दिया है
श्राप नहीं यह
ताकत है तेरी
संसार की अद्भुत
रचना है तु
मां, बेटी, बहन
पत्नी, सखा, नानी
न जाने तेरे कई है रुप
दुर्गा, काली, जगदम्बा
कोई अछुता नहीं इससे
पूर्ण मुझे बनाता है यह
सुंदरता का यह लाता भाव
साफ़ करता यह सारे रोग
बनाता निरोगी करता सहयोग
सदियां कितनी बीत गयी
रीत चली आई वही सदा
नव जीवन को नई दिशा देने
हर नारी को वरदान मिला
है स्वरुप जिसका कोमल
उसे सृष्टि का निर्माण मिला
उसे सृष्टि का निर्माण मिला।।
ज्योत्सना वर्द्धन
विशिष्ट शिक्षिका
प्रा वि नासीपार टोल मुशहरी
परसौनी, सीतामढ़ी
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Jyotsana Vardhan
