हमें किसी से भावानात्मक लगाव होता है,
लेकिन आप लोग जिस्मानी समझ लेते हो।
हम सोशल मीडिया पे आपके विचारों को पसंद करतें हैं ।
आप ये समझने लगते है कि हम आपको पसंद करते हैं।
हमें आप कोई भी कपड़े पहनो पर मेरा मन नहीं मचलता,
पर मेरे कपड़ों पर आप को में मनचली लगने लगती हूं।
में जिस्मानी भुख में कभी ब्लातकार नहीं करतीं हूं ।
ना ही एक तरफा प्यार में कभी एसिड फेंकती हूं।
फिर भी सड़कों पर मिलों कारों से घसीटी जाती हूं।
वैश्यालय में जिस्मफरोशी के लिए धकेली जाती हूं।
हम लड़की है…
हर हाल में जीने की मेरी मजबूरी है।
रणजीत कुशवाहा
प्राथमिक कन्या विद्यालय लक्ष्मीपुर रोसड़ा समस्तीपुर
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