सुहागिन महिलाएं
अपने पति के लिए,
दीर्घायु जीवन हेतु, रखतीं हैं उपवास।
मन-कर्म वचन से
करती हैं उपासना,
माँगती दुआएँ वह, रख मन में विश्वास।
सालों इंतजार बाद
पावन महीना आता,
हरितालिका तीज ये, व्रत का है दिन खास।
युग-युग साथ रहें
सदा अहिवात रहे,
पार्वती के पति देव, कष्ट हो समूल नाश।
जैनेन्द्र प्रसाद रवि’
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