भारतवासियों के भावों की अभिव्यक्ति हिंदी।
जन- जन, गण- गण, मन-मन में पुष्पित पल्लवित हिंदी।।
सुजलाम सुफलाम् मलयजशीतलाम्,
शस्यश्यामलाम् मातरम् हिंदी।
अलंकारों में कंगन सी खन-खन खनकती हमारी हिंदी।।
बैलों के गले में लटकी घंटी की टन-टन टंकार है हिंदी।
पतित पावनी गंगा, यमुना, भगीरथ-सी कल- कल छल-छल राग सुनाती हिंदी।।
वीणा, सितार, संतूर-सी मीठी तान सुनाती हमारी हिंदी।
जन-जन के हृदय की प्रियम्वदा है हमारी हिंदी।।
जन-जन को एकता के सूत्र में पिरोती हमारी हिंदी।
निज गौरव गान की आभा दिखलाती हमारी हिंदी।।
राष्ट्र का विजय तिलक लगाती बिंदी रूपी हमारी हिंदी,
यूँ ही नहीं,
संसार की सर्वश्रेष्ठ पंच भाषाओं में शामिल होती हमारी हिंदी।
सर्वभाषाओं में सर्वश्रेष्ठ हिंदी।।
सर्वभाषाओं की शिरोमणि हिंदी।
भारतवासियों के भावों की अभिव्यक्ति हिंदी।।
अवनीश कुमार
व्याख्याता (बिहार शिक्षा सेवा)
प्राथमिक शिक्षक शिक्षा महाविद्यालय विष्णुपुर, बेगुसराय
मनोभावित रचना
🌷बहुत ही सुन्दर रचना है। इस रचना में हमारी हिंदी भाषा को पूरे देश की बिंदी बताई गई। अर्थात् हिंदी हमारे देश की गौरव बताया गया । 🌷