हिन्दी की शक्ति – Sweta kumari Agarwal

              हिन्दी की शक्ति

जन-जन से हमें जोड़ती है हिन्दी।

देश की संस्कृति को संजोती है हिन्दी।

प्रेम और शांति के बीज बोती है हिन्दी।

अज्ञानी को भी ज्ञानी बनाती है हिन्दी।

भारतीय संस्कृति भी सिखाती है हिन्दी।

इसमें शामिल है वाणी कबीर की भी,

कृष्ण भक्ति में डूबी मीरा की भी।

इसमें रसधार है सूर के श्याम  की।

इसमें भक्ति है तुलसी के राम  की।

माॅ भारती के मस्तक की बिन्दी है हिन्दी।

     हमारा स्वाभिमान है हिन्दी।

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