लावणी छंद – सुधीर कुमार

Sudhir

मात्रा — ३०
यति – १६,१४
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मन के अंदर दीप जला लो ,
आओ आज दिवाली में ।
खुशियों से मन को महका लो ,
आओ आज दिवाली में ।
घृणा , द्वेष को नहीं मिटाया ,
तो बेकार है दिवाली ।
नफरत की दीवार गिरा लो ,
आओ आज दिवाली में ।
अपने घर को रोशन करना ,
कौन बड़ी है बात यहाँ ।
गैरों के घर रोशन कर दो ,
आओ आज दिवाली में ।
लक्ष्मी की पूजा सब करते ,
और मनाते हैं खुशियाँ ।
तात मात को भी हम पूजें ,
आओ आज दिवाली में ।
दीपक जलकर हरे अँधेरा ,
बस केवल घर के अंदर ।
सारा जग हम रोशन कर दें ,
आओ आज दिवाली में ।

सुधीर कुमार , मध्य विद्यालय शीशागाछी
प्रखंड टेढ़ागाछ जिला किशनगंज बिहार

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