टीओबी बना शैक्षिक व बौद्धिक विचारों के दूत- सुरेश कुमार गौरव

Suresh kumar gaurav

अनुभव को अपनी अभिव्यक्ति पर पूरा गर्व का यह अवसर है
भाषा-शब्द और भावों के मेल से कुछ कहने का सुअवसर है।

सृजन हो चाहे किन्हीं रुपों और साजों में,हृदय में झलकता है
#टीओबी शिक्षा का अलख जगाती शिक्षा से इसकी निकटता है।

शिक्षा जगत से जुड़ने वाले पारखी इसमें भरे-पड़े और जुड़े हैं
मंच की नींव प्रदानकर्ता सभी आगे बढ़ने को सदैव ही अड़े हैं।

मंच के सभी नींवकर्ताओं का अनूठा प्रयोग आकर्षित करती है
शिक्षार्थियों की नव चेतना नई दिशा स्फूर्ति प्रदान कर जाती है।

बीस जनवरी दो हजार अठारह को जन्म हुआ #टीओबी का
श्री शिव कुमार इसके जनक रहे, कृतज्ञ हैं हम सभी उनका।

कभी न हों हम अनभिज्ञ एक दूसरे के उद्गार और व्यवहार से
उत्कंठा है बांधे रखूं खुद के ज्ञान-विचारों और सद्व्यवहार से।

जब से जन्म हुआ इस मंच का लगता है मेरे मन का उद्गार है
जब से हूं इस मंच के साथ अभिव्यक्ति पर गर्व का अनुभव है।

बौद्धिक विचारों संग शिक्षालयों की नींव संग चलते ही जाना है
हे बौद्धिक विचारों के दूत! मिलकर शिक्षा का अलख जगाना है।

#टीओबीशासक,सभापति,संरक्षक,संचालक,शिक्षावीरों ने ठाना है
सबों के प्रयास से बिहार को,शिक्षा जगत से सदा जोड़े रखना है।

कभी न रुकें न झूकें इस #टीओबीमंच से कर्मवान बन रहना है
लक्ष्य भले ही लंबा हो पर शनै-शनै ज्ञान का दीपक जलाना है।

सुरेश कुमार गौरव,शिक्षक,पटना (बिहार)
स्वरचित मौलिक रचना
सर्वाधिकार सुरक्षित

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