माँ बिन कौन सुनेगी हमारी –

Nitu

माँ
माँ बिन कौन सुनेंगी हमारी
माँ बिन———–२।

कतहूंँ से आबि तो माँ लग बैठके
सुख- दुख मांँ को सुनाती,
दुख में दुखी सुख में खुश होके
माँ थी मुझे समझाती।
माँ बिन———–२।

कभी न गाली न मारी थी माँ
न डाँटी फटकारी,
न कभी गुस्सा से बोली थी
माँ निर्मला प्यारी।
मांँ बिन कौन ——–२।

मेरी माँ का नाम निर्मला
थी वह स्वच्छ हृदय वाली,
न छलकपट लोभ,लालच मन में
न द्वेष ईर्ष्या वाली।
माँ बिन———–२।

एक दिन पति से हुई बकझक मेरी
मैंने माँ से की पति की बुराई
जो कोई करता बेटी पति की बुराई
उससा अभागा जग में नहीं
माँ ने यह कह मुझे समझाई।

दिन में माँ के पास न जाती तो
मांँ दस बार फोन लगाती,
आज न आई बेटी मुझे देखने को
तबीयत ठीक है न तुम्हारी।
मांँ बिन कौन —-२।

हम सब भाई बहन को खिलाती
खुद भूखे रह जाती,
दुःख की छाया कभी पड़ने न दी
सुख में रखी डुबाई।
माँ बिन ————२।

माँ में सभी तीर्थ विराजे
क्यूँ जाएँ कोई काशी,
माँ जब सर पर हाथ रख दें तो
कटे यम के सब फाँसी ।
माँ बिन ————–२।

माता- पिता की सेवा करना
दिल से रे मेरे भाई,
शुभ कार्य में देर न करना
नहीं तो जीवन भर पछताई ।
माँ बिन ————–२।

खुश रखना सब अपनी माँ को
यह विनती है हमारी
जग में माँ सा और न कोई
कहती है नीतूरानी।
माँ बिन ————२।


नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार।

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