पिता – नीतू रानी

पिता है तो घर है,
जिसको पिता नहीं है वो घर बेघर है।

पिता हैं तो रोटी है , मकान है,सम्मान है और भगवान है, पिता नहीं है तो सिर्फ अपमान हीं अपमान है।

पिता वो छत है जिसके छत्रछाया में सभी परिवार खुशी से मगन रहते हैं,
और जिनके पास पिता जैसे छत्रछाया नहीं उनके जीवन में सिर्फ कहर हीं कहर टूटते हैं।

पिता जब साथ में हो तो
हम शेर हैं,
पिता यदि साथ नहीं हैं तो
हम भेड़ हैं।

पिता बिना मेरा जन्म न होता
पिता बिन खाना कौन खिलाता,
कौन दिखाता कंधे पर बिठाकर मेले
कौन खिलाता जिलेबी रसगुल्ले।

पिता हीं पत हैं पिता हीं गत हैं
पिता बिना सूना सब संसार,
पिता यदि मेरे साथ हैं होते
तो खिलौने के लग जाते बाजार।

पिता हैं तो स्वर्ग है पिता नहीं हैं तो जीवन नर्क है
पिता हैं सुख चैन है
पिता नहीं तो मन बेचैन है।

पिता हैं तो घर में सुख शांति है
पिता नहीं तो घर में अशांति हीं अशांति है,
पिता हैं तो रोशनी और संस्कार है
पिता नहीं तो अपमान और अंधकार है।

पिता हैं तो परिवार,रिश्ते और समाज है
पिता नहीं तो सभी रिश्ते समाज, संबंध बेकार है,
पिता हैं तो दया और आशीर्वाद है
पिता नहीं तो श्राप और फटकार है।

पिता हैं तो प्यार है
पिता नहीं तो मार है,
बिना पिता के बच्चों का
जीवन अंधकार है।


अपने माता-पिता की मन से सेवा करें।कभी भी उनको अपशब्द ना कहें , उनकी हरेक बातों को मानें,
उनकी हर ख्वाहिशें पूरी करें,क्योंकि आप जब बच्चे थे तो आपके माता-पिता आपकी सभी माॅ॑गे पूरी करते थे। माता-पिता को बोझ ना समझें।उनको समय पर खाना , कपड़ा ,दवाई और सेवा दें।तभी आपके भी संतान आपकी सेवा करेंगे।क्योंकि बड़ों का हीं देखा देखी छोटे बच्चे करते और सीखते हैं। इसलिए अच्छा करें अच्छा होगा। 🙏जय गुरुदेव 🙏


नीतू रानी
स्कूल -म०वि०सुरीगाँव
प्रखंड -बायसी
जिला -पूर्णियाँ बिहार

Leave a Reply