प्रवेशोत्सव मनाने स्कूल चलें-अपराजिता कुमारी

Aprajita

प्रवेशोत्सव मनाने स्कूल चलें

चलो चलें स्कूल चलें
प्रवेशोत्सव मनाने स्कूल चलें
मां, बाबा को लेकर चले
छोटे भाई बहनों को ले के चलें
नामांकन करवाने स्कूल चलें। 

प्रवेशोत्सव को महोत्सव बनाने
नामांकन अभियान चलाते चलें
गांव, शहर, गली, मोहल्ला
घर-घर संदेश पहुंचाते चलें
हर बच्चे को स्कूल पहुंचाते चलें
चलो चलें स्कूल चलें। 

किताब, कॉपी लेकर चलें
पेंसिल, कलम लेकर चलें
सोनू, मोनू, चीकू, टिंकू, पिंटू
सोनी, मोनी, रिंकी, पिंकी, चिंकी
मास्क जरूर लेकर चलें
सैनिटाइजर भी लेकर चलें
चलो चलें स्कूल चलें। 

मन में उत्साह उमंग, विश्वास लेते चलें
आंखों में भविष्य का सपना लेते चलें,
सभ्य शिक्षित होने के लिए
जीवन में कुछ बनने के लिए
चलो चलें स्कूल चलें। 

गुरुजनों का आदर करते चलें
मां बाबा का आशीर्वाद लेते चले
आंख, नाक, दांत, मुंह, बाल
खुद को साफ स्वच्छ करके चलें
ज्ञान, विज्ञान पाने के लिए
अनुशासन, संस्कार सीखने के लिए
चलो चलें स्कूल चलें। 

सर्वशिक्षा का अभियान चले
6 से 14 वर्ष के बच्चों को
मुफ्त शिक्षा, मिड डे मील
पढ़ाई, प्यार, दुलार मिले
हर बच्चे को उसका
पहला अधिकार मिले। 

चलो चलें स्कूल चलें
चलो चलें स्कूल चलें। 

अपराजिता कुमारी
राजकीय उत्क्रमित माध्यमिक उच्च विद्यालय
जिगना जगन्नाथ
हथुआ गोपालगंज

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